Banner

Creative HTML Code (Click to copy)

खुन्नाक( Diphtheria) लक्षण, आयुर्वेदिक व एलोपैथी इलाज।


खतरनाक बिमारी है अगर शुरू मे ध्यान न दिया जाते तो अनजाम बुरा होता है लगभग 2 साल से 15 की उमर(Age) मे ज्यादा होता है इससे कम उमर के बच्चों को नहीं होता है इसकि वजह एक विषाणु होता है जिसको डिपथिरिया कोरियाईनेबेकटिरियम ( Diphtheriae Corynebacterium) कहते हैं। ये मरीज के हलक और नाक के बीच में पाया जाता है।      
                                       अलामत-इसमे मरीज को सुस्ती,सर दर्द और बुखार तेज होता है मुँह से बदबू आती है राल टपकती है हलक मे दर्द,बोलने और निगलने मे तकलीफ होती है हलक को तेज टोरच और जबान दबाकर देखा जाये तो हलक के अन्दर एक तरफ भूरे रगं की झिल्ली चिपकी हुई महसूस देगी जो अन्दर की तरफ बढती है इसे चिमटी या रूई(cotton) से साफ किया जाये तो साफ नहीं होता जबकि Tonsillitis की झिल्ली आसानी से साफ हो जाती है खुन्नाक मे अगर झिल्ली हटाने की कोशिश की जाये तो खुन आने लगता है अगर जल्दी इलाज ना किया जाये तो हलक बन्द होकर मौत हो सकती है।                            
                          एलोपैथी इलाज-

 इसका असल इलाज एन्टी डिपथिरिया सेरम(Anti diphtheria serum) है ज्यादा मर्ज बढऩे पर 20हजार युनिट का सेरम रोजाना लगाये और जब तक लगाये मरीज ठीक न हो जाये सेरम(serum) के साथ साथ एरिथरोमाइसिन(erythromycin) 500mg फिर हर 6घण्टे बाद 100mg देते रहे गारंटी का इलाज है।                                        आयुर्वेदिक इलाज-

बूटी सम्भालू के एक तोला बर्गे ताजा लेकर सिल-बटटे पर कैन्डी सोटटे से घोंट ले और एक छंटाक ताजा पानी डालकर खुसजायका बनाने के लिए दो चार चने बराबर नमक खुर्दनी डालकर आग पर रख दें। जब पानी फट जाये यानी छिछडे से नजर आने लगे।तो आग से अलग करके फिर छान लें और पी लें अगर खुन्नाक मे पीप पड गई हैं तो पहली खुराक पीते ही मवाद फोरन खारिज होकर मरीज पहली खुराक से सेहतमंद हो जायेगा।

Post a Comment

0 Comments