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Epilepsy(मिर्गी) एलोपैथी व आयुर्वेदिक इलाज।।

लक्षण- हाथ- पेरो मे एठंन होकर मरीज जमीन पर गिरकर बेहोश हो जाता है मुहँ से छाग निकलते हैं कई मरतबा दान्तौ के निचे जीभ कटने से मुहँ से खुन बहता रहता हैं मिर्गी दो तरह की होती है एक वो जोकि दिमागी रशोली,फोडें या शक्कर की कमी से होता है अलामत की वजह से मिर्गी को चार खानों मे बांटा गया हैं ।                                                    1.सदीद मिर्गी(Grandmal); इसमें मरीज अचानक चीख मारकर बेहोश हो जाता है चेहरा नीला पेशाब निकल जाता है पुरे बदन में अकडन होती है चेहरे व हाथ-पेरों से तरह-तरह की हरकत होती है मुहँ से छाग निकलते हैं ये हालत 2 से 10 मीनट तक रहती है होश में आने के बाद मरीज पसीने मे तर होता है मरीज अपने हालात से बेखबर होता है।          2.हलकी मिर्गी(Petitmol); इसमें मरीज अचानक बेहोश हो जाता है बदन में अकडऩ व चहरे पर तरह-तरह की हरकते नहीं होती है सिर्फ एक या आधा मीनट दोरा पडता है महीने में एक दो बार दोरा पडता है                                             3. मकामी मिर्गी,; इसमे शरीर के एक हिस्से पर मिर्गी का असर दिखाई देता है जैसे हाथ पेर का कापना, आखों की पलकों का फड-फडाना। मरीज़ पुरी तरह बेहोश नहीं होता है।          4.महलक मिर्गी( status epilepsy); इसमें दोरा जल्दी-जल्दी आते हैं एक खतम नहीं होता है दुसरा शुरू हो जाता है ये मिर्गी खतरनाक हैं।                                                 एलोपैथी इलाज; मरीज का खास खयाल रखे आग, डरावरी,दरया, नहर के पास न जाने दें फिर्क, परेशानी, दिमागी उल्छानो दुर रहे कब्ज का खास ख्याल रखें।                          दोरे की हालत में अमोनिया का रब( जोकि चुने व नौशादर से मिलकर बना होता है मरीज को सुगाय चेहरे पर पानी की बुन्दे डाले अगर फिर भी दोरा न रूके तो siquil10mg injection लगाये।  फेनोबारबिटोन(Fenobarbiton) 30mg दिन मे दो बार ओर साथ मे एपटोइन( Option 10mg) दिन में तीन बार लें। इन दोनों दवाईयो को पांच साल लगातार लेने पर मिर्गी का मरीज बिल्कुल सहतमन्द हो जाता हैं बच्चों को उमर(Age ) के हिसाब से आधी या उसकी तिहाई दवाई दे  ।।                                                                    आयुर्वेदिक इलाज; 1  Fenobarbiton       2 Option  इन दोनों दवाइयों के साथ( खमीरा गांव ज्बा अम्बारी उद सलिबा वाला) सुबह को आधी चम्मच दुध से दिन में एक बार पांच साल तक खिलाये।गारन्टी से ठीक हो जायेगा।।

                                 

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